Saturday 15 February 2014

ऑपरेटिंग सिस्टम

ऑपरेटिंग सिस्टम

ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित रूप से जमे हुए साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकडो एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है
ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता 
आपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर एवंसाफ्टवेयर के बिच सेतु का कार्य करता है कम्पयुटर का अपने आप मे कोई अस्तित्व नही है । यङ केवल हार्डवेयर जैसे की-बोर्ड, मानिटर , सी.पी.यू इत्यादि का समूह है आपरेटिंग सिस्टम समस्त हार्डवेयर के बिच सम्बंध स्थापित करता है आपरेटिंग सिस्टम के कारण ही प्रयोगकर्ता को कम्युटर के विभिन्न भागो की जानकारी रखने की जरूरत नही पडती है साथ ही प्रयोगकर्ता अपने सभी कार्य तनाव रहित होकर कर सकता है यह सिस्टम के साधनो को बाॅटता एवं व्यवस्थित करता है।
आपरेटिंग सिस्टम के कई अन्य उपयोगी विभाग होते है जिनके सुपुर्द कई काम केन्द्रिय प्रोसेसर द्वारा किए जाते है । उदाहरण के लिए प्रिटिंग का कोई किया जाता है तो केन्द्रिय प्रोसेसर आवश्यक आदेश देकर वह कार्य आपरेटिंग सिस्टम पर छोड देता है । और वह स्वयं अगला कार्य करने लगता है । इसके अतिरिक्त फाइल को पुनः नाम देना , डायरेक्टरी की विषय सूचि बदलना , डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य आपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किए जाते है । इसके अन्तर्गत निम्न कार्य आते है
1) फाइल पद्धति 
फाइल बनाना, मिटाना एवं फाइल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना । फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना । 2) प्रक्रिया 
प्रोग्राम एवं आंकडो को मेमोरी मे बाटना । एवं प्रोसेस का प्रारंभ एवं समानयन करना । प्रयोगकर्ता मध्यस्थ फाइल की प्रतिलिपी ,निर्देशिका , इत्यादि के लिए निर्देश , रेखाचित्रिय डिस्क टाप आदि 3) इनपुट/आउटपुट 
माॅनिटर प्रिंटर डिस्क आदि के लिए मध्यस्थ

Follow By : Dipak Khandare (Patil)
Follow Up →

0 comments:

Post a Comment