कम्पयूटर से परिचय
सम्पूर्ण विश्व मे शायद ही कोई इंसान बचा होगा जो इस शब्द से अभी तक अनजान होगा.
कम्प्यूटर एक इलैक्ट्रोनिक डिवाइस है । जो इनपुट के माध्यम से आंकडो को ग्रहण करता है उन्हे प्रोसेस करता है एवं सूचनाओ को निर्धारित स्थान पर स्टोर करता है ! कम्पयूटर एक क्रमादेश्य मशीन है । कम्पयूटर की निम्नलिखित विशेषताएँ है ।
1)कम्पयूटर विशिष्ठ निर्देशो को सुपरिभाषित ढंग से प्रतिवाधित करता है ।
2)यह पहले संचित निर्देशो को क्रियान्वित करता है ।
2)यह पहले संचित निर्देशो को क्रियान्वित करता है ।
वर्तमान के कम्पयूटर इलेक्ट्रानिक और डिजिटल है । इनमे मुख्य रूप से तार ट्रांजिस्टर एवं सर्किट का उपयोग किया जाता है । जिसे हार्डवेयर कहा जाता है । निर्देश एवं डेटा को साफ्टवेयर कहा जाता है । कम्प्यूटर अपने काम-काज, प्रयोजन या उद्देश्य तथा रूप-आकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते हैं। वस्तुतः इनका सीधे-सीधे अर्थात प्रत्यक्षतः (Direct) वर्गीकरण करना कठिन है, इसलिए इन्हें हम निम्नलिखित तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैं :
1. अनुप्रयोग (Application )
2. उद्देश्य (Purpose )
3. आकार (Size)
1. अनुप्रयोग (Application )
2. उद्देश्य (Purpose )
3. आकार (Size)
1. अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
.यद्यपि कम्प्यूटर के अनेक अनुप्रयोग हैं जिनमे से तीन अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटरों के तीन प्रकार होते हैं : (a) एनालॉग कम्प्यूटर (b ) डिजिटल कम्प्यूटर (c) हाईब्रिड कम्प्यूटर
2. उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
कम्प्यूटर को दो उद्देश्यों के लिए हम स्थापित कर सकते हैं- सामान्य और विशिष्ट , इस प्रकार कम्प्यूटर उद्देश्य के आधार पर निम्न दो प्रकार के होते हैं : (a ) सामान्य-उद्देशीय कम्प्यूटर (b ) विशिष्ट -उद्देशीय कम्प्यूटर
3. आकार के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार
आकार के आधार पर हम कम्प्यूटरों को निम्न श्रेणियाँ प्रदान कर सकते हैं – 1. माइक्रो कम्प्यूटर 2. वर्कस्टेशन 3. मिनी कम्प्यूटर 4. मेनफ्रेम कम्प्यूटर 5. सुपर कम्प्यूटर | ||
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